Friday, November 30, 2012

भूले नहीं हे आत्मन आज शाम की वेला मधुबन की पावन भूमि पर, होगा एक सुन्दर मेला,

भूले नहीं हे आत्मन आज शाम की वेला मधुबन की पावन भूमि पर, होगा एक सुन्दर मेला, > भूले नहीं हे आत्मन > आज शाम की वेला > मधुबन की पावन भूमि पर, > होगा एक सुन्दर मेला, > भूले नहीं हे आत्मन............. > > फिर से चलेगी बाबा की वाणी, > फिर दृष्टि का सिलसिला, > होगा हिसाब; वादों कसमो का, > या होम्वोर्क था जो मिला, > भूले नहीं हे आत्मन............. > > फिर होगी सव्मान की चर्चा, > कितना जमा किया; कितना खर्चा, > कितनी भरी दुआओं से झोली, > या फिर करते रहे झमेला, > भूले नहीं हे आत्मन............. > > बीती को अब बीती करना होगा, > अयथार्थ से अब तोबा करना होगा > अंतिम सहज 'प्रभु सिजन' समझ ले, > अब से मत रहना हो - अलबेला, > भूले नहीं हे आत्मन > आज शाम की वेला > मधुबन की पावन भूमि पर, > होगा एक सुन्दर मेला,

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