Friday, December 7, 2012

Vichar sagar manthan 08.12.12

Swamaan / Sankalp / Slogan: Swaroop Bano December 8, 2012: हम आत्माएँ, मधुबन की मुरली सुननेवाली, श्री कृष्ण के साथ रासलीला खेलनेवाली गोपियाँ हैं.... We, the souls, are gopis listening to the Murli of Madhban and dancing the Raas leela with Shree Krishna .... Hum atmaayen, Madhuban ki Murlisun newali, Shree Krishn ke saath raas leela khelnewali gopiyaan hain....
ॐ शान्ति दिव्य फरिश्ते !!! विचार सागर मंथन: दिसंबर 8, 2012 बाबा की महिमा: ज्ञान के सागर पतित पावन निराकार परमपिता परमात्मा शिव बाबा हैं...मेरा बाबा...प्यारा बाबा...मीठा बाबा...दयालु बाबा...कृपालु बाबा... सत बाप...सत टीचर...सत गुरु... बेहद का बाप... सर्वशक्तिमान... ­सत चित आनंद स्वरूप...बीजरूप ­...सदगति दाता... स्वमान और आत्मा अभ्यास : ज्ञान: मनमनाभव! मध्याज़ी भव! इन में सारा ज्ञान आ जाता है... ज्ञान अंजन सतगुरु ने दिया...हम ज्ञान की रोशनी वाली आत्माएँ, बेहद के बाप से बहुत ऊँची बेहद की पढ़ाई नई दुनिया के लिए पढ़नेवाले, आदि-मध्य-अंत का राज़ जाननेवाले, सभी शात्रों के सार अच्छी रीति पढ़कर 21 जन्मों के लिए प्रालब्ध जमा करनेवाले, ज्ञान की कदर कर भूगरे की जगह हीरे पानेवाले, पतित पावन गॉड के स्टूडेंट हैं... पारलौकिक बाप से पारलौकिक पढ़ाई परलोक में जाने के लिए पढ़नेवाले,नॉलेज फुल बाप समान नॉलेज फुल हैं....ज्ञान सागर में स्नान कर सदगति पानेवाले, बाप से खुले हुए स्वर्ग के द्वार में प्रवेश करनेवाले, स्वर्ग के मालिक हैं.. योग : भगवानुवाच: मामेकम याद करो तो मुक्तिधाम में चले जाएँगे... हम चैतन्य आत्माएँ, एक के साथ दिल लगाकर , अशरीरी बन, स्वदर्शनचक्र फिराने वाले, एक बाप की संतान, सब भाई-भाई हैं.... योग बल से विकर्म विनाश कर ज्ञान बल से ऊँच पद पानेवाले, संगम पर अपनी राजधानी स्थापन करनेवाले, शिव शक्ति सेना हैं.. धारणा: हम आत्माएँ, अनादि बनाया हुआ ड्रामा के हार जीत के खेल में,बेहद की लड़ाई में, 5 विकार रूपी रावण से लड़नेवाले, फालतू बातों में टाइम वेस्ट नहीं करनेवाले, गफलतें नहीं करनेवाले, पुरुषार्थकर, डायरेक्शन के अनुसार श्रीमत पर चल ऊँच पद पानेवाले, 21 जन्मों के लिए बहिषट के खुसनुमः मालिक हैं... पावन बन औरों को पावन बनानेवाले, पुजारी से पूज्य बन दैवी गुण धारणकर बहुत मीठे बननेवाले, नर्कवासी से स्वर्गवासी बन सब पर रहम करनेवाले, सतयुगी देवता हैं... सेवा: हम सर्विस की अक्ल वाली आत्माएँ, बहुतों को आप समान बनानेकी मेहनत करनेवाले, सर्विस का सबूत निकाल, संगम पर पावन दुनिया बनानेवाले, रूहानी गवर्नमेंट से इज़ाफ़ा पाकर, भविष्य 21 जन्मों के लिए ऊँच पद के अधिकारी हैं... ज्ञान की स्लाइड्स बनानेवाले, चित्रों पर समझानेवाले, सर्विसे बुल हैं... शंखध्वनि कर, जो भी आए उनको कुछ न कुछ समझानेवाले, छोटे-छोटे बचों को राज विद्या के साथ-साथ बाप की विद्या भी सिखलाकर कल्याण करनेवाले, सबको सुख धाम, स्वर्ग कारास्ता बतानेवाले, रूहानी पण्डे हैं... वरदान: जो हो गया वो भी अच्छा, जो हो रहा वो भी अच्छा, और जो होनेवाला है वह और बहुत अच्छा हैं.... कल्याणकारी समय है, कल्याणकारी बाप हैं, हम विश्व कल्याकारी हैं, हमारा अकल्याण हो नहीं सकता...यह निश्चय रखनेवाले, संगम के कल्याणकारी समय की स्मृति से अपने भविष्य को जाननेवाले, हम आत्माएँ, मास्टर त्रिकालदर्शी हैं... स्लोगन : हम आत्माएँ, पुरानी दुनिया में किसी भी व्यक्ति वा वैभव से लगाव नही रखनेवाले, कलियुगी दुनिया से किनारा कर अपने को संगम युगी समझनेवाले, सारी दुनिया की आसुरी आत्माओं को कल्याण और रहम की दृष्टि से देखनेवाले, सदा अपने को बाप समान सेवाधारी अनुभव करनेवाले, हर परिस्थित वा परीक्षा में सदा विजयी अनुभव करनेवाले, विजय मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है, ऐसा अधिकारस्वरूप समझ कर हर कर्म करनेवाले, सदा त्रिमूर्ति तख्त-नशीन अनुभव करनेवाले, त्रिकालदर्शी पन की स्मृति में हर कर्म तीनों काल की जान में कर, कर्म को श्रेष्ठ और सुकर्म बनानेवाले, विकर्मों का खाता की समाप्ति अनुभव करनेवाले, हर कार्य, हर संकल्प सिद्ध करनेवाले, पुराने संस्कार और स्वभाव से उपरम, सदा साक्षिपान कीसीट पर स्वयं को सेट हुए अनुभव करनेवाले, समाप्ति के समय को समीपलानेवाले, सम्पन्न और सम्पूर्ण राज-ऋषि हैं..

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