Saturday, August 11, 2012

मुरलि सार

11.08.12 मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - सवेरे-सवेरे उठ बाप को प्यार से याद करो तो पत्थरबुद्धि से पारसबुद्धि बनजायेंगे'' प्रश्न: 21 जन्मों के लिए मालामालबनने का साधन क्या है? उत्तर: अविनाशी ज्ञान रत्नों का दान करो तो मालामाल बन जायेंगे क्योंकि यह एक-एक ज्ञान रत्न लाखों रूपयों का है। जितना जो दानकरेगा, बाप की याद में रहेगा उतना उसे खुशी का पारा चढ़ा रहेगा। प्रश्न:- अपने से कोई पाप कर्म न हो उसके लिए कौन सी परहेज चाहिए? उत्तर:- अन्न की बहुत परहेज चाहिए। पापात्मा का अन्न अन्दर जाने से उसका असर पड़ता है। हर एक के सरकमस्टांश देख बाप राय देते हैं। धारणा के लिए मुख्य सार: 1) सवेरे उठने का अभ्यास डालना है। सवेरे-सवेरे उठ विचार सागर मंथन जरूर करना है। आधा पौना घण्टा भी बैठकर अपने आपसे बातें करनी हैं। बुद्धि को ज्ञान से भरपूर करना है। 2) बहुतों की आशीर्वाद लेने के लिए 3 पैर पृथ्वी पर कालेज वा हॉस्पिटल खोल देनी है। बाप समान निरहंकारी बन सेवा करनी है। वरदान: कन्ट्रोलिंग पावर द्वारा तूफान को भी तोहफा बनाने वाले यथार्थ योगी भव यथार्थ वा सच्चा योगी वह है जो अपनी बुद्धि को एक सेकण्ड में जहाँ और जब लगाना चाहे वहाँ लगा सके। परिस्थिति हलचल की हो, वायुमण्डल तमोगुणी हो, माया अपना बनाने का प्रयत्न कर रही हो फिर भी सेकण्ड में एकाग्र हो जाना-यह है याद की शक्ति। कितना भी व्यर्थसंकल्पों का तूफान हो लेकिन सेकण्ड में तूफान आगे बढ़ने का तोहफा बन जाए-ऐसी कन्ट्रोलिंग पावर हो। ऐसी शक्तिशाली आत्मा कभी ये संकल्प नहीं लायेगी कि चाहते तो नहीं हैं लेकिन हो जाता है। स्लोगन: योगयुक्त और युक्तियुक्तकर्म करने वाले ही विघ्न प्रूफ बनसकते हैं। Om Shanti

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