Friday, November 23, 2012
दादी गुल्जार जी के मधुबन घर में पहुंचने का समाचार - खुशखबरी भरा याद पत्र 22-11-12
दादी गुल्जार जी के मधुबन घर में पहुंचने का समाचार - खुशखबरी भरा याद पत्र
22-11-12 ओम् शान्ति मधुबन
प्राणेश्वर अव्यक्त बापदादा केअति स्नेही, सदा साकार रूप में अव्यक्त मिलन की आश लगाये हुए सर्व ब्राह्मण कुल भूषण बाबा के नूरे रत्नों प्रति,
ईश्वरीय स्नेह सम्पन्न मधुर यादपयार स्वीकार हो।
बाद समाचार - आज आप सबको यह खुशखबरी सुनाते हुए अति हर्ष होरहा है कि हम सर्व भाग्यशाली ब्राह्मणों को संगमयुग पर प्रभु मिलन का अनुभव कराने वाला, बापदादा का प्यारा भगीरथ, हम सबकी मीठी दादी गुल्जार, जोकि पूरा दो मास स्वास्थ्य लाभ लेने के पश्चात आज अपने प्यारे मधुबन शान्तिवन के प्रांगण में दोपहर 3.00 बजे आराम से पहुंच गई। शक्तिभवन में सभी मुख्य दादियों वा शान्तिवन के भाई बहिनों ने दादी जी का भावभीना अभिनंदन किया। सभी सेवासाथियों को भी बधाईयाँदी। शाम को शान्तिवन के कान्फ्रेन्स हाल में सभी ने बहुत धूमधाम से दादी जी के स्वागत में दीवाली की खुशियां मनाई। दादी जी जब हाल में पहुंची तो सारा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। फिर मधुर वाणी ग्रुप ने बाबा वालीदादी का अभिनंदन करते हुए कहा कि दादी आई बाबा आया, साथ-साथ उन्होंने सभी सेवा साथियों को भी बधाईयाँ दी। शान्तिवन के पाण्डवों ने भी स्वागत रास प्रस्तुत किया। फिर मृत्युंजय भाई ने सभी की ओर से शब्दों द्वारा दादी जी का अभिनंदन किया। भ्राता निर्वैर जी भी दादी जी के साथ दो मास अहमदाबाद में सेवा पर रहे उन्हें भी बहुत-बहुत बधाईयां दी। नीलू बहन तथा डाक्टर्स को भी दिल से सेवा करने की बधाई दी। सरला दीदी के साथ सभी लोटस निवासियों, मेमनगर निवासियों ने भी दादी को प्यार से सम्भाला, उन्हें भी बधाईयां दी।
फिर दादी गुल्जार जी ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि ''सभी के दिल में बाबा तो बैठा ही है। हम सभी ने बाबा को अपने दिल में छिपाकर रखा है। दिल है तो दिलाराम भी है। दिलाराम नहीं तोदिल क्या करेगा! इसलिए आपको भी खुशी है, हमको भी बहुत खुशी है। औरहमारे निमित्त बने हुए प्रोग्रामबनाने वाले दादी जी, नीलू बहन, मुन्नी बहन आदि जिन्होंने भी प्रोग्राम रखा और आप सभी पहुंच गये, उसके लिए बापदादा की तरफ से हमारी तरफ से पदमगुणा मुबारक हो, मुबारक हो।'' इस अवसर पर दादी जानकी जी ने आशीर्वचन के रूप में अपने
भाव प्रगट करते हुए सभी से 3 बार ओम् शान्ति का महामन्त्र बुलवाया और कहा कि आज देखो सभी केदिलों में कितनी खुशी है। मेरा दिल कहता है मैं खुशी में नाचूं। दादी मिली, बाबा मिला। स्वर्ग मेंतो राज्य पायेंगे, वह बड़ी बात नहीं है। अभी हमारे दिलों में दिलाराम बाबा बैठा है। बाबा ने कहा है तुम बाबा को अपने दिल में बिठा दो और हम बाबा के दिल में बैठजायें। दादी द्वारा प्यारे अव्यक्त बापदादा ने कितना समय अव्यक्त पालना दी है, हम उसको कैसे भूल सकते हैं। हम दुनिया से तो नष्टोमोहा हो गये पर दादी में हमारा मोह पड़ गया है। अमृतवेले और शाम को नियम प्रमाण दादी के प्रति हम सबने योग किया है। दादी की याद में, प्यार में हम सबने अपनी कमी कमजोरी खत्म कर दी है। वाह मेरा बाबा वाह! जो मेरी दादी को मधुबन लेकर आया।
उसके पश्चात केक काटा गया तथा मोमबत्तियां जलाते हुए बाबा के साथ, दादी के साथ सभी ने खूब खुशियों भरी दीवाली मनाई। फिर सभी ने पिकनिक की। अच्छा - सभी कोबहुत-बहुत याद... ओम् शान्ति।
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Welcome Ceremony
Speaker - Dadi Gulzar (Hi)
Date: 22-11-2012 | Size: 12.23 MB |
Labels:
दादी गुल्जार जी
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